Ganga

Ganga Maa Ki Aarti – गंगा मां की आरती


हरिद्वार, ऋषिकेश और वाराणसी में गंगा नदी के तट पर हर शाम गंगा आरती होती है। गंगा दशहरा के उत्सव के दौरान गंगा आरती का विशेष महत्व है। यह वह समय है जब मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित होती हैं। गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है गंगा आरती को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है,गंगा आरती का दृश्य देखकर ही व्यक्ति भक्ति रस में भीग जाता है।


ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥

चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता॥

ओम जय गंगे माता..

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥

ओम जय गंगे माता..

एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता॥

ओम जय गंगे माता..

आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता॥

ओम जय गंगे माता..

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।

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